भूमिका
भारत की आत्मा सनातन धर्म में बसती है। यह कोई संप्रदाय, मत या पंथ नहीं बल्कि जीवन जीने की शाश्वत पद्धति है। “सनातन” का अर्थ है – जो सदा से है और सदा रहेगा। यह धर्म केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं, बल्कि मानवता, प्रकृति, समाज और आत्मा के सामंजस्यपूर्ण जीवन का विज्ञान है।
सनातन धर्म शिक्षा केन्द्र का उद्देश्य इस महान परंपरा के ज्ञान को संरक्षित करना, नई पीढ़ी तक पहुँचाना और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ जीवन में उतारना है।
सनातन धर्म शिक्षा केन्द्र का मुख्य उद्देश्य है – लोगों को वेद, रामायण, गीता, पुराण, पूजन-संस्कार, योग-ध्यान और आयुर्वेद की गहराई से शिक्षा देना और उसे दैनिक जीवन में उतारने के लिए प्रेरित करना।
जब ग्राम-ग्राम में ऐसे केन्द्र स्थापित होंगे, तब समाज संस्कारयुक्त, सेवा भाव से परिपूर्ण और आत्मिक शक्ति से सम्पन्न बनेगा। यही भारत की सनातन परंपरा है और यही विश्वकल्याण का मार्ग भी है।
सनातन धर्म शिक्षा केन्द्र : उद्देश्य एवं संकल्प
मुख्य उद्देश्य
आध्यात्मिक एवं धार्मिक शिक्षा
वेद, पुराण, रामायण, महाभारत, गीता और उपनिषद का अध्ययन व प्रचार।
बच्चों और युवाओं को सनातन धर्म के आदर्शों से जोड़ना।
सदाचार एवं संस्कार
सत्य, अहिंसा, सेवा, करुणा, परोपकार, सहयोग जैसे मूल्यों का प्रसार।
जातिवाद, धर्मवाद, छल-कपट और अंधविश्वास का अंत।
सामाजिक समरसता
समाज में भाईचारा, एकता और सहयोग की भावना को मजबूत करना।
गरीब, वंचित और जरूरतमंदों की सहायता करना।
जल संरक्षण
वर्षा जल संचयन को बढ़ावा देना।
नदियों, तालाबों और कुओं के पुनर्जीवन पर कार्य।
गांव-गांव जल संरक्षण अभियान चलाना।
पर्यावरण संरक्षण
वृक्षारोपण और हरित पट्टी का निर्माण।
प्रदूषण नियंत्रण और स्वच्छ ऊर्जा (सौर, बायोगैस) का प्रयोग।
प्रकृति के साथ संतुलन बनाकर जीवन जीने की शिक्षा।
स्वच्छता अभियान
प्रत्येक ग्राम और नगर में स्वच्छता पर जोर।
बच्चों को स्वच्छता, स्वास्थ्य और नैतिकता की शिक्षा देना।
मंदिर, आश्रम और सार्वजनिक स्थलों को साफ-सुथरा रखना।
ऑर्गेनिक खेती एवं उत्पादन
रासायनिक खेती के स्थान पर जैविक व प्राकृतिक खेती को बढ़ावा।
गौ आधारित खेती (गोबर खाद, गौमूत्र, पंचगव्य) का प्रचार।
वर्मी कम्पोस्ट और जैविक खाद निर्माण की शिक्षा।
सामुदायिक ऑर्गेनिक फार्म एवं “किचन गार्डन” की परंपरा।
बच्चों और युवाओं को सात्विक अन्न उत्पादन की प्रेरणा।
विशेष संकल्प
सनातन धर्म शिक्षा केन्द्र केवल धार्मिक शिक्षा का स्थान नहीं होगा, बल्कि यह धार्मिक, सामाजिक, पर्यावरणीय और कृषि आधारित उत्थान का केन्द्र बनेगा।
यह केन्द्र आने वाली पीढ़ियों को सात्विक जीवन, शुद्ध अन्न, स्वच्छ जल, हरित पर्यावरण और उच्च संस्कार प्रदान करेगा।
यही प्रयास रामराज्य जैसी व्यवस्था की स्थापना की नींव रखेगा।
रामायण : आदर्श जीवन का पथ
रामायण केवल कथा नहीं, बल्कि एक चरित्र-शिक्षा ग्रंथ है।
राम : मर्यादा पुरुषोत्तम – सत्य, त्याग और धर्म के प्रतीक।
सीता : पतिव्रता, धैर्य और नारी गरिमा का आदर्श।
हनुमान : भक्ति, शक्ति और सेवा भाव।
लक्ष्मण : निःस्वार्थ सेवा और भाईचारे का उदाहरण।
संदेश :
परिवार, समाज और राष्ट्र के प्रति कर्तव्य।
धर्म के लिए संघर्ष और न्याय की रक्षा।
अहंकार और अधर्म का अंत निश्चित है।
श्रीमद्भगवद्गीता : कर्म, ज्ञान और भक्ति का मार्ग
प्रमुख योग :
कर्मयोग – फल की इच्छा किए बिना कर्तव्य।
ज्ञानयोग – आत्मा और परमात्मा का ज्ञान।
भक्तियोग – ईश्वर के प्रति प्रेम और समर्पण।
वैज्ञानिक पक्ष :
गीता मानसिक स्वास्थ्य और तनाव मुक्ति का आधार है।
आधुनिक मनोविज्ञान भी गीता के “विकल्प नियंत्रण” और “समत्व” सिद्धांत को मानता है।
जीवन संदेश :
हर परिस्थिति में कर्तव्य का पालन।
मृत्यु और जन्म के पार आत्मा की अमरता।
धर्म की विजय और अधर्म का नाश।
दैनिक जीवन में धर्म का स्थान
सनातन धर्म हमें यह सिखाता है कि –
सुबह सूर्योदय पर ध्यान, स्नान और प्रार्थना।
भोजन से पहले अन्न को ईश्वर को अर्पित करना।
सत्य बोलना, परनिंदा न करना, सेवा करना।
पशु-पक्षी, पेड़-पौधों और प्रकृति का सम्मान।
परिवार और समाज में प्रेम और सहयोग।
👉 धर्म का अर्थ केवल मंदिर जाना नहीं, बल्कि हर कार्य को ईश्वरार्पण करना है।
पूजन विधि और संस्कार
पूजन : आचमन, प्राणायाम, संकल्प, आह्वान, अर्घ्य, मंत्रजप।
हवन : घी, औषधि और मंत्रों के साथ अग्नि में आहुति।
👉 इनसे जीवन पवित्र और अनुशासित होता है।
योग और ध्यान
योग के अंग (अष्टांग योग) : यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधि।
लाभ :
शरीर स्वस्थ, मन शांत।
एकाग्रता और आत्मबल में वृद्धि।
मानसिक रोगों और तनाव का निवारण।
👉 योग और ध्यान केवल साधना नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला है।
आयुर्वेद और जीवनशैली
त्रिदोष सिद्धांत : वात, पित्त, कफ।
आहार-विहार : ऋतु और प्रकृति अनुसार भोजन।
औषधियाँ : तुलसी, आंवला, अश्वगंधा, हल्दी।
पंचकर्म : शरीर शुद्धि की विधि।
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