भारत में यूनिवर्सल कार्ड (भारतीय नागरिक पहचान पत्र) एक ऐसा डिजिटल कदम है जो प्रत्येक भारतीय नागरिक को एक ही पहचान और दस्तावेज़ के माध्यम से जीवन के हर क्षेत्र में सुविधा प्रदान करेगा। यह कार्ड केवल अठारह वर्ष की आयु पूर्ण होने पर ही बनेगा और इसमें नागरिक तथा उसके परिवार से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ सम्मिलित होंगी। इसमें शिक्षा, चल-अचल संपत्ति, रोजगार, सरकारी योजनाओं के लाभ और स्वास्थ्य संबंधी विवरण दर्ज रहेंगे। यूनिवर्सल कार्ड (भारतीय नागरिक पहचान पत्र) राशन कार्ड की तरह भौतिक और डिजिटल दोनों रूपों में उपलब्ध होगा तथा समय-समय पर भारतीय नागरिक स्वयं इसमें आवश्यक बदलाव कर सकेंगे। भारत में यूनिवर्सल कार्ड (भारतीय नागरिक पहचान पत्र) की विशेषताएँ –
आयु सीमा
यह यूनिवर्सल कार्ड (भारतीय नागरिक पहचान पत्र) केवल 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर ही बनाया जाएगा।
परिवार एवं व्यक्तिगत विवरण
यूनिवर्सल कार्ड (भारतीय नागरिक पहचान पत्र) में परिवार के सभी सदस्यों का विवरण होगा, साथ ही कार्ड में शिक्षा, चल-अचल संपत्ति, रोजगार और स्वास्थ्य से जुड़ी सभी जानकारी इसमें शामिल होगी।
उपलब्धता
यह यूनिवर्सल कार्ड (भारतीय नागरिक पहचान पत्र) भौतिक (Physical) और डिजिटल (Digital) दोनों रूपों में उपलब्ध होगा और यूनिवर्सल कार्ड, राशन कार्ड की तरह ही उपयोगी होगा।
परिवर्तन का विकल्प (Edit Option)
भारतीय नागरिक अपने जीवन में होने वाले किसी भी बदलाव (शिक्षा, संपत्ति, रोजगार, स्वास्थ्य) को यूनिवर्सल कार्ड (भारतीय नागरिक पहचान पत्र)
में OTP के माध्यम से Edit अपडेट कर सकेंगे।
डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म
यह यूनिवर्सल कार्ड (भारतीय नागरिक पहचान पत्र) वेबसाइट और मोबाइल ऐप दोनों पर उपलब्ध होगा। प्रत्येक भारतीय नागरिक को जीवन में सिर्फ एक बार अपनी Profile ID बनानी होगी और यह Profile ID हमेशा के लिए मान्य रहेगी।
यूनिवर्सल कार्ड में 7 पेज (डिजिटल फॉर्मेट में)
1-परिवार का विवरण
2-शिक्षा का विवरण
3-चल-अचल संपत्ति का विवरण
4-रोजगार का विवरण
5-सरकारी योजनाओं के लाभ का विवरण
6-स्वास्थ्य का विवरण
7- भविष्य की जरूरतों के लिए आरक्षित पेज एक रहेगा जिससे भारतीय नागरिक के जीवन में भविष्य में जो वदलाव होगा उसे कार्ड में जोड़ा जायेगा।
सुरक्षा एवं गोपनीयता
यूनिवर्सल कार्ड (भारतीय नागरिक पहचान पत्र) के प्रत्येक पेज को भारतीय नागरिक के मोबाइल नंबर के OTP से ही खुलेगा। इस प्रकार प्रत्येक भारतीय नागरिक की जानकारी पूरी तरह सुरक्षित और गोपनीय रहेगी। सरकार के दोवारा अधिकृत केवल भारतीय नागरिक डेटा संरक्षण विभाग (Authorized Department) ही भारतीय नागरिक की जानकारी बिना OTP देख सकेंगे।
उपयोगिता
सरकार इस यूनिवर्सल कार्ड (भारतीय नागरिक पहचान पत्र) को सभी विभागों, प्राइवेट अस्पतालों, शिक्षा संस्थानों, बैंकों और अन्य अधिकृत संस्थानों से जोड़े जिससे सभी सरकारी विभागों को नागरिको की वास्तविक और सत्यापित जानकारी मिल सके। सरकार प्रत्येक विभाग को Admin Dashboard उपलब्ध कराये जिससे वे संबंधित जानकारी को देख और उसे वेरिफाई कर सकें जैसे –
खाद्य विभाग – परिवार का विवरण
रोजगार विभाग – शिक्षा व रोजगार संबंधी जानकारी
स्वास्थ्य विभाग – स्वास्थ्य संबंधी विवरण
इसी प्रकार अन्य विभाग भी अपने विभाग से संबंधित जानकारी को देख और उसे वेरिफाई कर सकेंगे।
सरकार व नागरिक दोनों के लिए लाभ
नागरिकों को किसी भी सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए बार-बार अलग-अलग दस्तावेज़ प्रस्तुत नहीं करने पड़ेंगे।
सरकार को भी योजनाएँ बनाने के लिए सही और वास्तविक डेटा मिल जायेगा।
प्रशासनिक प्रक्रियाएँ तेज़ और पारदर्शी होंगी।
अपील (Appeal)
मैं सरकार से आग्रह करता हूँ कि इस डिजिटल युग में एक ऐसा सुरक्षित और बहुउपयोगी यूनिवर्सल कार्ड लागू करे, जिससे नागरिकों की पहचान व जानकारी एक ही जगह संचित हो जाये, जिससे देश के विकास हेतु बेहतर योजनाएँ बनाई जा सकें।
मेरी सरकार से मांग है कि इस डिजिटल युग में एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार करे जिससे सभी सरकारी विभाग एवं प्राइवेट हॉस्पिटल व शिक्षा संस्थान, सरकारी एवं प्राइवेट बैंक और सरकार अपनी जरुरत के हिसाब से अन्य संस्थानों को भी जोड़े क्योंकि इस डिजिटल कार्ड से सभी विभागों को भारतीय नागरिको की वास्तविक और सही जानकारी मिल जाएगी जिससे किसी भी भारतीय नागरिक को वेरिफाई करना आसान हो जायेगा।
इस डिजिटल कार्ड में सभी भारतीयों की जानकारी सुरक्षित रहेगी और गोपनीय भी रहेगी क्योंकि इस डिजिटल कार्ड का प्रत्येक भाग/पेज भारतीय नागरिक के मोबाइल न से OTP देने पर ही खुलेगा इस प्रकार प्रत्येक भारतीय नागरिक की जानकारी सुरक्षित और गोपनीय रहेगी।
इस डिजिटल कार्ड की सम्पूर्ण जानकारी सरकार के दोवारा अधिकृत भारतीय नागरिक डाटा संरक्षण विभाग ही बिना OTP के देख सकता है और सरकार को उसकी जानकारी भी दे सकता है जिससे देश के विकास के लिए अच्छी योजनायें बनाई जा सकें।
सरकार अपने प्रत्येक विभाग को इस डिजिटल कार्ड की वेबसाइट/सॉफ्टवेयर का एक Admin Dashboard उपलब्ध कराये जिससे वह अपने विभाग से सम्बंधित जानकारी को देख सके और प्रत्येक भारतीय नागरिक के दोवारा दी गई जानकारी को वेरिफाई भी कर सके। जैसे खाद्य विभाग- परिवार का विवरण एवं अन्य जानकारी और रोजगार विभाग- शिक्षा का स्तर , स्वास्थ्य विभाग- भारतीय नागरिको की स्वास्थ् की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
FAQ (Frequently Asked Questions)
प्रश्न 1: यूनिवर्सल कार्ड क्या है?
👉 उत्तर: यूनिवर्सल कार्ड एक डिजिटल और भौतिक पहचान पत्र है जिसमें भारतीय नागरिक के परिवार, शिक्षा, संपत्ति, रोजगार और स्वास्थ्य जैसी सभी जानकारी एक ही स्थान पर सुरक्षित होगी।
प्रश्न 2: यूनिवर्सल कार्ड कब बनेगा?
👉 उत्तर: यह कार्ड केवल 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर बनाया जाएगा।
प्रश्न 3: यूनिवर्सल कार्ड से क्या लाभ होगा?
👉 उत्तर: इस कार्ड से सरकारी विभागों, अस्पतालों, शिक्षा संस्थानों और बैंकों को नागरिक की सही और अद्यतन जानकारी तुरंत उपलब्ध होगी। नागरिक को अलग-अलग दस्तावेज़ बार-बार जमा नहीं करने पड़ेंगे।
प्रश्न 4: यूनिवर्सल कार्ड सुरक्षित कैसे रहेगा?
👉 उत्तर: कार्ड के प्रत्येक पेज तक पहुँचने के लिए मोबाइल नंबर आधारित OTP की आवश्यकता होगी। जानकारी गोपनीय और सुरक्षित रहेगी।
प्रश्न 5: यूनिवर्सल कार्ड में कितने पेज होंगे?
👉 उत्तर: डिजिटल कार्ड में 7 पेज होंगे, जिनमें परिवार, शिक्षा, संपत्ति, रोजगार, सरकारी योजनाओं का लाभ, स्वास्थ्य और भविष्य के लिए आरक्षित पेज शामिल होंगे।
आज डिजिटल युग में इसकी जरुरत है कि भारत एक यूनिवर्सल कार्ड की दिशा में आगे बढ़े, ताकि हर नागरिक को एक पहचान, एक कार्ड और एक भरोसेमंद प्रणाली मिले जिससे नागरिकों का जीवन आसान हो और भारत भी ‘One Nation – One Identity’ की ओर आगे बढ़े।
👉 आप यूनिवर्सल कार्ड के बारे में क्या सोचते हैं? क्या यह भारत में लागू होना चाहिए? अपनी राय हमें कमेंट में बताएं।
👉 अगर आप मानते हैं कि भारत में एक यूनिवर्सल कार्ड लागू होना चाहिए, तो इस विचार को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।
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